The Single Best Strategy To Use For bhairav kavach

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संहार भैरवः पायात् ईशान्यां च महेश्वरः ।।

कथयामि शृणु प्राज्ञ बटोस्तु कवचं शुभम्

सर्वदा पातु ह्रीं बीजं बाह्वोर्युगलमेव च ॥



साधक कुबेर के जीवन की तरह जीता है और हर जगह विजयी होता है। साधक चिंताओं, दुर्घटनाओं और बीमारियों से मुक्त जीवन जीता है।

पातु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वै कालभैरवः

  

देवेशि देहरक्षार्थं कारणं कथ्यतां ध्रुवम् ॥ १॥

सद्योजातस्तु मां पायात्सर्वतो देवसेवितः ।

म्रियन्ते साधका येन विना श्मशानभूमिषु ।

Setting Intentions: Sporting the Kavach isn't merely a Actual physical act but a conscious selection read more to invite divine defense and steering into one’s existence. Devotees typically established intentions or prayers all through this method.



बटुक भैरव कवच का व्याख्यान स्वयं महादेव ने किया है। जो इस बटुक भैरव कवच का अभ्यास करता है, वह सभी भौतिक सुखों को प्राप्त करता है।

दुर्भिक्षे राजपीडायां ग्रामे वा वैरिमध्यके । यत्र यत्र भयं प्राप्तः सर्वत्र प्रपठेन्नरः ।।

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